कंपनी स्वीकृति (Approval) के बिना ड्राइवर नियुक्ति/ड्यूटी असाइनमेंट पर आधिकारिक कानूनी दिशा-निर्देश
कंपनी द्वारा सभी ग्राहकों एवं ड्राइवरों को यह स्पष्ट रूप से सूचित किया जाता है कि कंपनी की पूर्व स्वीकृति (prior approval) के बिना किसी भी ड्राइवर को नियुक्त करना, ड्यूटी पर बुलाना, अथवा किसी प्रकार का निजी समझौता करना—कंपनी की नीतियों, सेवा शर्तों एवं लागू भारतीय कानूनों के विरुद्ध है।
यह न केवल कंपनी की Terms & Conditions का प्रत्यक्ष उल्लंघन है, बल्कि इसके कारण निम्नलिखित विधिक प्रावधान भी लागू हो सकते हैं:
1. भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 (Indian Contract Act, 1872)
- सेक्शन 73 और 74 के अनुसार, अनुबंध का उल्लंघन करने वाले पक्ष पर नुकसान की भरपाई (Compensation for Breach of Contract) तथा दायित्व (Liability) निर्धारित किया जा सकता है।
- कंपनी एवं ड्राइवर के मध्य हुआ अनुबंध (employment/engagement terms) किसी तीसरे पक्ष द्वारा विचलित करने पर कानूनी दायित्व उत्पन्न होता है।
2. भारतीय दण्ड संहिता (IPC)
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IPC सेक्शन 405/406 (Criminal Breach of Trust):
यदि ड्राइवर कंपनी के दायित्व और विश्वास का उल्लंघन करते हुए बाहरी नियुक्ति स्वीकार करता है, तो आपराधिक दायित्व उत्पन्न हो सकता है। -
IPC सेक्शन 415/420 (Cheating & Misrepresentation):
यदि किसी ग्राहक या ड्राइवर द्वारा कंपनी की पहचान, स्वीकृति या अनुबंध का गलत उपयोग किया जाता है, तो यह धारा लागू हो सकती है।
3. श्रम एवं औद्योगिक नियमावली
कंपनी-अधिस्वीकृत (authorized) नियुक्ति-प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए ड्राइवर को सीधे बुलाना अनुशासनहीनता (Misconduct) माना जाता है, जिससे कंपनी को कार्रवाई का अधिकार प्राप्त होता है।
कानूनी स्थिति एवं कंपनी दायित्व
कंपनी की स्वीकृति के बिना की गई कोई भी ड्राइवर बुकिंग, ड्यूटी असाइनमेंट या भुगतान—
- कंपनी के दायरे (Scope of Assignment) के बाहर माना जाएगा,
- कंपनी ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ज़िम्मेदारी, सहायता या दायित्व स्वीकार नहीं करेगी,
- और आवश्यक होने पर कंपनी को संबंधित ग्राहक या ड्राइवर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई, अनुबंध समाप्ति, दंडात्मक कार्रवाई करने का पूर्ण अधिकार सुरक्षित है।
क्यों यह प्रतिबंध आवश्यक है
- बिना स्वीकृति ड्राइवर नियुक्त करना असुरक्षित, गैर-पेशेवर और जोखिमपूर्ण है।
- ऐसे मामलों में बीमा सुरक्षा, कंपनी वेरिफिकेशन, पुलिस रिकॉर्ड चेक, GPS/Tracking, Service Safety Protocols लागू नहीं होते, जिससे किसी भी दुर्घटना, नुकसान या विवाद में गंभीर जोखिम उत्पन्न हो सकता है।
- कंपनी ऐसे अनधिकृत कार्यों को शून्य वैधता (no validity) मानती है।